झारखंड में निवारक हिरासत कानून के तहत एक व्यक्ति की निरंतर हिरासत के संबंध में दायर एक याचिका में, सुप्रीम कोर्ट ने निवारक हिरासत कानूनों से संबंधित मामलों में प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का सख्ती से पालन करने के महत्व पर जोर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने स्वीकार किया कि निवारक हिरासत कानून स्वाभाविक रूप से कड़े हैं, क्योंकि वे बिना मुकदमे के व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाते हैं। इसलिए, यह प्रक्रिया बंदी के अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है। अदालत ने कहा कि निवारक…
Read MoreTag: नई दिल्ली
सीआरपीएफ | एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को रोजगार/पदोन्नति से वंचित करना अनुच्छेद 14, 16 और 21 का उल्लंघन: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट एक महत्वपूर्ण फैसले मेने माना है कि एक व्यक्ति, जो अन्यथा फिट है, उसे केवल इस आधार पर रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकता है कि वह एचआईवी पॉजिटिव है और यह सिद्धांत पदोन्नति देने तक भी लागू होता है। जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने कहा, “किसी भी मामले में, किसी व्यक्ति का एचआईवी स्टेटस रोजगार में पदोन्नति से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता क्योंकि यह भेदभावपूर्ण होगा और अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 16 (राज्य रोजगार में…
Read Moreभरण-पोषण मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने बाइपोलर डिसऑर्डर वाले व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला देते हुए कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 की धारा 105 के तहत प्रावधान प्रकृति में अनिवार्य है, एक व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को रद्द कर दिया है, जिसने कहा था कि वह बाइपोलर डिसऑर्डर, जनरलाइज्ड एंग्जाइटी डिसऑर्डर और अवसाद से पीड़ित है। यह वारंट निचली अदालत द्वारा उस व्यक्ति की पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उसे और उसकी नाबालिग बेटी को प्रति माह एक लाख रुपये से अधिक का गुजारा भत्ता देने के आदेश के संबंध में दायर एक निष्पादन याचिका…
Read Moreपीड़िता की आयु निर्धारित करने के लिए स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं किया जा सकता; सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बरी किया
पीड़िता की आयु निर्धारित करने के लिए स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं किया जा सकता; सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बरी किया
Read Moreजब कोई चश्मदीद गवाह न हो तो अपराध करने के लिए मकसद जरूरी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को बरी करते हुए कहा है कि अगर किसी घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है तो अभियोजन पक्ष को अपराध करने का मकसद स्थापित करना होगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि सभी गवाहों ने कहा है कि याचिकाकर्ता और मृतक के बीच कोई दुश्मनी नहीं थी। पीठ ने कहा, “एक बार जब घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं होता है, तो अभियोजन पक्ष को अपराध के लिए एक…
Read Moreकंजक्टाइविस के मरीज बढ़े, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
कंजक्टाइविस के मरीज बढ़े, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
Read Moreकेवल परिवार नियोजन ही नहीं संपूर्ण स्वास्थ्य की जानकारी देंगे काउंसलर
केवल परिवार नियोजन ही नहीं संपूर्ण स्वास्थ्य की जानकारी देंगे काउंसलर
Read Moreमेधावी छात्र-छात्राएं जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित सोच एवं लक्ष्य हमेशा ऊंचा रखे तो जीवन में हमेशा सफलता मिलेगी- जिलाधिकारी
उत्तर प्रदेश जनपद झाँसी में इंटरमीडिएट यू.पी.बोर्ड परीक्षा 2023 में उत्कृष्ट अंक अर्जित करने वाले एम.एस.राजपूत इंटर कॉलेज प्रेमनगर झाँसी के टॉपर छात्र-छात्राओं को झाँसी जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार जी ने सम्मानित किया और छात्र-छात्राओं को प्ररेणा देते हुए उन्होंने कहा कि उद्देश्य बनाकर मेहनत करे तो सफलता निश्चित ही मिलेगी और पूरी लगन के साथ मेहनत से अध्यन करे और सोच एवं लक्ष्य हमेशा ऊंचा रखे तो जीवन में हमेशा कामयाबी मिलेगी। उन्होंने सभी बच्चों से बात कर उनसे लक्ष्य के बारे में पूछा और नई दिशा में प्रेरणा…
Read Moreभले ही विवाह कानूनी न हो, पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की हकदार है: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट में पत्नी को गुजारा भत्ता दिए जाने से जुड़ा एक मामला आय़ा। हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही शादी वैध नहीं है, फिर भी दूसरी पत्नी और दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे सीआरपीसी की धारा 125 के तहत मेंटेनेंस यानी गुजारा भत्ता पाने के हकदार हैं। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा- सीआरपीसी की धारा 125 के मुताबिक पहले याचिकाकर्ता को पत्नी और दूसरे याचिकाकर्ता को प्रतिवादी का बेटा माना जा सकता है। ट्रायल कोर्ट का ये फैसला सही है कि याचिकाकर्ता…
Read Moreखोजी पत्रकारिता सड़क निर्माण परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को उजागर करने की रणनीतियां और एक मार्गदर्शिका!
भारत में क्षेत्रों के विकास और कनेक्टिविटी के लिए सड़क निर्माण परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। हालाँकि, प्रशासनिक अधिकारियों के भीतर भ्रष्टाचार और मिलीभगत की घटनाओं ने इन परियोजनाओं की प्रगति में बाधा उत्पन्न की है और उनकी गुणवत्ता से समझौता किया है। खोजी पत्रकारिता ऐसे भ्रष्टाचार को उजागर करने और जिम्मेदार पक्षों को जवाबदेह ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस लेख में, हम सड़क निर्माण परियोजनाओं से संबंधित खोजी पत्रकारिता के प्रमुख पहलुओं का पता लगाएंगे, जिसमें निविदा प्रक्रियाएं, कार्य आदेश, गुणवत्ता नियंत्रण और भ्रष्टाचार को उजागर करने की रणनीतियां…
Read More