इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह विवाहित महिला और उसके लिव-इन पार्टनर द्वारा दायर सुरक्षा की मांग करने वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि चूंकि महिला ने अपने पति को तलाक नहीं दिया, इसलिए उसे और उसके लिव-इन पार्टनर को सुरक्षा मांगने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने कहा, “चूंकि याचिकाकर्ता नंबर 1 (महिला) ने अपने पति यानी प्रतिवादी नंबर 4 से तलाक नहीं लिया है, इसलिए उसे अभी भी प्रतिवादी नंबर 4 की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी…
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