भरण-पोषण मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने बाइपोलर ‌डिसऑर्डर वाले व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द किया

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने यह फैसला देते हुए कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 की धारा 105 के तहत प्रावधान प्रकृति में अनिवार्य है, एक व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को रद्द कर दिया है, जिसने कहा था कि वह बाइपोलर डिसऑर्डर, जनरलाइज्ड एंग्जाइटी ‌डिसऑर्डर और अवसाद से पीड़ित है। यह वारंट निचली अदालत द्वारा उस व्यक्ति की पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उसे और उसकी नाबालिग बेटी को प्रति माह एक लाख रुपये से अधिक का गुजारा भत्ता देने के आदेश के संबंध में दायर एक निष्पादन याचिका…

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