गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते नाबालिग पत्नी से बलात्कार करने के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को दी गई सजा को रद्द करते हुए कहा कि अदालत द्वारा हस्तक्षेप न करने से महिला और दो बच्चे अपने पति/पिता के आश्रय से वंचित हो जाएंगे और जो न्याय के हित में नहीं होगा। इसी के साथ हाईकोर्ट ने इस व्यक्ति को दोषी करार देने वाले निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया। इस मामले में, कथित पीड़िता (पत्नी) ने स्वीकार किया है कि वह स्वंय ही दोषी/अपीलकर्ता के साथ उसकी…
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